Ajay Chauhan
Ahmedabad
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MSW (Final Year)
Gujarat Vidyapith, Ahmedabad
आज के दिन मैं बताना चाहता हूँ कि जब मैं संजीवनी लाइफ बियोंड कैंसर संस्था में जुड़े तब हमने क्या शिखा और किस तरह हमने ३ महीने काम किया। हमारे पहले दिन से आखरी दिन तक हमने बहुत कुछ सीखा जिसमें किस तरह कैंसर के मरीज से बात कर सकते है।किस तरह उनके सवालों का जवाब देना है, और मरीज़ की मानसिक स्थिति किस तरह अच्छी कर सकते है। ऐसी बहुत कुछ चीजें सीखी।इसके बाद मैं बताना चाहता हूँ कि जब हमने कोलेज, स्कूल में कैंसर जागृति के कार्यक्रम के लिए इजाजत लेने गए तब हमने बहुत कुछ सीखा जिसमें किस तरह कोलेज के अधिकारी होते है उनसे कैसे बात कर सकते है।किस तरह हमें हमारी संस्था के बारे में बताना है। वो सब हमने इलाबेन् से शिखा और हमने कोलेज और स्कूल में आठ कार्यक्रम करे थे।लगभग २३०० लोग तक हमने कैंसर के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद में बताना चाहता हूँ कि जब हम वेलनेस सेन्टर में गए तब हमें अलग अलग सेशन के बारे में पता चला जिसमें योगा, एक्यूप्रेशर, न्यूट्रिशन, और आर्ट थेरेपी जैसी कहीं अच्छे सेशन में हम जुड़े और कैंसर के समय किस तरह हमारी लाइफ स्टाइल रखनी है वो अच्छी तरह से पता चला।
जब हमने यह सब करना शुरू किया तब हमें बहुत ही अच्छा लगता था।कैंसर मरीज़ के साथ बात करना, समझना और उनकी किसी भी प्रकार की समस्याओं हल करने में बहुत ही मजा आता था। और ये संस्था के बारे में बताओ तो कैंसर के उपर तो बहुत लोग काम कर रहे है।लेकिन ये संस्था कैंसर मरीज़ों की किसी भी प्रकार की समस्याओं दूर करती है।और इसमें भी मानसिक स्थिति, आर्थिक रूप से और हॉस्पिटल की कोई भी प्रकार की समस्या हो तो अच्छी तरह से कैंसर मरीज़ को समझाते है।उस कारण उनको बहुत ही अच्छा लगता है और कैंसर जैसी बड़ी बीमारी बचने की उम्मीद रखते है।
आज मैं इतना ही बताना चाहता हूँ। इस संस्था के लिए मैं बहुत कुछ करना चाहता हूँ । जितने भी कैंसर मरीज़ों के लिए मैं जो भी कर सकता हूँ वो अच्छी तरह करना चाहूंगा।
जब हमने यह सब करना शुरू किया तब हमें बहुत ही अच्छा लगता था।कैंसर मरीज़ के साथ बात करना, समझना और उनकी किसी भी प्रकार की समस्याओं हल करने में बहुत ही मजा आता था। और ये संस्था के बारे में बताओ तो कैंसर के उपर तो बहुत लोग काम कर रहे है।लेकिन ये संस्था कैंसर मरीज़ों की किसी भी प्रकार की समस्याओं दूर करती है।और इसमें भी मानसिक स्थिति, आर्थिक रूप से और हॉस्पिटल की कोई भी प्रकार की समस्या हो तो अच्छी तरह से कैंसर मरीज़ को समझाते है।उस कारण उनको बहुत ही अच्छा लगता है और कैंसर जैसी बड़ी बीमारी बचने की उम्मीद रखते है।
आज मैं इतना ही बताना चाहता हूँ। इस संस्था के लिए मैं बहुत कुछ करना चाहता हूँ । जितने भी कैंसर मरीज़ों के लिए मैं जो भी कर सकता हूँ वो अच्छी तरह करना चाहूंगा।